तुमसे बिछड़ के - तनहा शायर हु क्यों नींद नहीं आती- तनहा शायर हु जलकर मिल जाएगी खाक में मैं - तनहा शायर हु तनहा शायर हू ना बन गुनहगार तू मुझपर ऐतबार करके तनहा शायर हु रात के दो पहर ही होते है - तनहा शायर हु

Hindi -तनहा शायर हु Poems